TRENDING TAGS :
बंगाल में योगी के जरिए ध्रुवीकरण की कोशिश, सीएम ने चला हिंदुत्व कार्ड
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने इस बार...
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने इस बार पूरी ताकत झोंक रखी है। भाजपा ने इसके लिए बंगाल में आक्रामक चुनाव अभियान छेड़ रखा है और पार्टी ने अपने नेताओं की पूरी फौज उतार दी है। गुरुवार को भी भाजपा के दिग्गज नेताओं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न चुनाव क्षेत्रों में आयोजित सभाओं में ममता पर सीधा हमला बोला।
ये भी पढ़ें:कोरोना में PM मोदी की पहली विदेश यात्रा, बांग्लादेश दौरा काफी महत्वपूर्ण
फायर ब्रांड नेता माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नंदीग्राम में भी चुनावी सभा करके ममता पर निशाना साधा। योगी ने एक बार फिर हिंदुत्व का कार्ड चलते हुए टीएमसी के खिलाफ भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अब तो ममता दीदी को भगवा से भी डर लगने लगा है। जब भी कोई सरकार प्रभु श्रीराम की जय जयकार पर रोक लगाएगी तो जनता भाजपा को ही सरकार में लेकर आएगी।
भगवा भारतीय संस्कृति का प्रतीक
हिंदुत्व का चेहरा माने जाने वाले योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में कई रैलियां कीं। उन्होंने नंदीग्राम, चंद्रकोना और सागर में जनसभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि ममता दीदी की विकास और लोक कल्याण में कोई रुचि नहीं है। वे भाई-भतीजावाद के चक्कर में फंसी हुई हैं और बंगाल में अराजकता का नया तांडव पैदा करने की साजिश रच रही हैं।
उन्होंने कहा कि अब तो दीदी भगवा से भी घबरा रही हैं मगर उन्हें मालूम होना चाहिए कि भगवा भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। भगवा वस्त्र पहन कर ही स्वामी विवेकानंद ने वैश्विक मंच पर जाकर ललकारा था कि गर्व से कहो हम हिंदू हैं। अष्टमी की पूजा में भी हम काली को भगवा ही अर्पित करते हैं।
जय श्रीराम के नारों की गूंज
नंदीग्राम की जनसभा में सीएम योगी ने कहा कि हमारे लिए भारत का प्रत्येक नागरिक भारत माता का सपूत है और हम किसी को भी भेदभाव के नजरिए से नहीं देखते। यह भाव एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना का आधार है।
उन्होंने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वे जय श्रीराम के नारे को प्रतिबंधित करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन बंगाल की जनता अभिनंदन की पात्र है क्योंकि यहां हर जुबान से जय श्रीराम का नारा ही गूंज रहा है। मैं बंगाल में सभी के मुख से जय श्रीराम का नारा ही सुन रहा हूं।
योगी की जनसभाओं में लोगों का भारी हुजूम उमड़ा और उन्होंने जय श्रीराम के नारों के साथ ही योगी का स्वागत किया। योगी से पहले भी जय श्रीराम के नारे को लेकर ममता बनर्जी पर बड़ा हमला बोलते रहे हैं।
कश्मीर मुद्दे की भी चर्चा
पश्चिम बंगाल के हर जनसभा में योगी आदित्यनाथ ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जिक्र जरूर किया। उन्होंने कहा कि इस पावन धरती ने जिन महान सपूतों को पैदा किया उनमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी शामिल थे जिन्होंने बहुत पहले ही यह बातें स्पष्ट कर दी थी कि देश में दो प्रधान दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को पूरा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का काम किया है।
टीएमसी के गुंडे जाएंगे जेल
योगी ने ममता बनर्जी पर गुंडागर्दी को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि 35 दिन बाद से टीएमसी के गुंडों की उल्टी गिनती शुरू होने वाली है क्योंकि राज्य में भाजपा की सरकार बननी तय है। उन्होंने कहा कि टीएमसी के सभी गुंडों को खोज-खोज कर कानून के शिकंजे में डालने का काम किया जाएगा। पश्चिम बंगाल की जनता अब इन गुंडों को बर्दाश्त करने वाली नहीं है।
हिंदू वोटर्स को एकजुट करने की कोशिश
जानकारों के मुताबिक योगी आदित्यनाथ के जरिए भाजपा पश्चिम बंगाल के हिंदू वोटर्स को एकजुट करने की कोशिश में जुटी हुई है। योगी आदित्यनाथ को हिंदुत्व का बड़ा चेहरा माना जाता है और उनकी जनसभाओं में उमड़ी भीड़ ने हर जगह जय श्रीराम के नारे का जमकर उद्घोष किया। इससे साफ है कि योगी के जरिए भाजपा हिंदुत्व का कार्ड चल रही है।
ये भी पढ़ें:26 मार्च: तुला राशि के जातक न करें निवेश, जानिए अपना आज का राशिफल
भाजपा को टीएमसी के साथ बंगाल में कड़े सियासी मुकाबले का एहसास हो चुका है और यही कारण है कि पार्टी अब ध्रुवीकरण की कोशिश में जुटी हुई है। भाजपा की कई राज्यों में सरकारें हैं मगर मुख्यमंत्री के रूप में सबसे ज्यादा उपयोग योगी आदित्यनाथ का ही किया जा रहा है। इसके पीछे भाजपा की सोची समझी रणनीति है। अब यह देखने वाली बात होगी कि पार्टी की यह कोशिश कहां तक कामयाब हो पाती है।